हवा के झोंके ने फिर से पन्नों को सहलाया,
एक तो हुस्न कयामत उसपे होठों का लाल होना।
झुकाकर पलकें शायद कोई इकरार किया उसने,
मैंने कहा, नहीं दिल में एक बेवफा की तस्वीर बसी है,
रास्ते पर तो खड़ा हूँ पर चलना भूल गया हूँ।
न जाने उससे मिलने का इरादा कैसा लगता है,
मुझे सताने के सलीके तो उन्हें बेहिसाब आते हैं,
बिछड़ के तुझसे हर रास्ता सुनसान रहता है,
तुमको याद रखने में मैं क्या-क्या भूल जाता हूँ,
बिछड़ के मुझ से वो दो दिन quotesorshayari उदास भी न रहे।
अब तक सबने बाज़ी हारी इस दिल को रिझाने में,
रास्ते पर तो खड़ा हूँ पर चलना भूल गया हूँ।
खुदा की तरह चाहने लगे थे उस यार को, वो भी खुदा की तरह हर एक का निकला।
रहा मैं वक़्त के भरोसे और वक़्त बदलता रहा,